कानपुर देहात । मंगलवार को विश्व एड्स दिवस पर .शहर के इंटर कालेज में गोष्ठी स्लोगन और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें एडस से बचाव व जागरूकता पर चर्चा की गयी. अहिल्या इंटर कॉलेज में विश्व एडस दिवस पर आयोजित गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए जिला क्षय रोग अधिकारी डा. जी एस चौहान ने कहा कि जागरूकता के कारण अब एडस रोगियों की संख्या में पहले से कमी आई डॉ चौहान ने कहा कि एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो एक रोगी से दूसरे रोगी में फैलकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता खत्म कर देती है। एचआईवी वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद कई सालों तक निष्क्रिय रहता है।हालांकि, इस दौरान वायरस शरीर के अंदर अपनी संख्या बढ़ाता रहता है और श्वेत रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी 15- 20 सालों तक मरीज स्वस्थ दिखता है, लेकिन उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है। स्वंय सेवी संस्था ममता से डिस्ट्रिक्ट फील्ड आफिसर अंकिता तिवारी ने कहा कि आज भारत में ही नहीं सारे विश्व में एड्स दिवस मनाया जाता है इस दिवस को मनाने से ही हम लोग इस बीमारी से नहीं बच सकते हैं वरन हम अपने साथी के प्रति बफादार रहें, और संक्रमित वस्तुओं का प्रयोग न करें सुमित्रा सामाजिक कल्याण संस्थान के हरिशंकर ने बताया कि उनकी टीम स्वास्थ्य विभाग को एडस. कार्यक्रम के अंतर्गत सहयोग कर रही है. वर्ष 2019 में अप्रैल से अभी तक 9 एचआईवी ग्रसित माताओं के प्रसव सफलता पूर्वक कराये जा चुके हैं, सभी बच्चे एचआईवी से मुक्त हैं. व हस्ताक्षर जिला अस्पताल में तैनात एचआईवी परामर्शदाता संजय श्रीवास्तव ने बताया कि एड्स का एकमात्र इलाज है वचाव आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक संबंधों की बाढ़ में यह बीमारी और भी तेजी से फैल रही है। सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलता है। एचआईवी/ एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथ को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस की शुरूआत 1 दिसंबर 1988 को की गयी। तभी से प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है और कई अभियान चलाए जाते हैं जिससे इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा सकें। __भाषण प्रतियोगिता में ईशा यादव को प्रथम, ऐलन को द्वितीय व रिया यादव को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस मौके पर एसीएमओ डॉक्टर बी पी सिंह, प्रधानाचार्य अजय कुमार गुप्ता, अनुराग तिवारी, आईसीटीसी काउंसलर अल्कमा , मधु रसूलाबाद, व अन्य लोग मौजूद रहे।
विश्व एड्स दिवस पर हुई गोष्ठी व हस्ताक्षर अभियान